Wednesday, September 19, 2007

यादें




होंठों को मुस्कान देती यादें तो कभी,
आंखों को हमाम बनाती यादें॥

उम्मीदों को आग देती यादें तो कभी ,
ज़हन पर दाग छोडती यादें ॥

आसमान को देख उड़ने को कहती तो
कभी
दरवाज़ा बंद कर रोने को कहती यादें

पल पल चुनके डायरी लिखने को कहती यादें तो कभी उनको
महज़ कागज समझ फाड़ वाती, जल्वाती, और धुआं बनवाती यादें.

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