Friday, August 24, 2007

और मैंने जीना सीख लिया




छोटी छोटी ख्वायिशों में बड़े बड़े सपने ढूंढ़ना शुरू किया ..
और मैंने जीना सीख लिया


दूर रहकर तनहाई में ख्यालों से तुमसे जुड़ना शुरू किया

और मैंने जीना सीख लिया


चाँद की मखमली को भूल कर इक तारे का बिछौना बुनना शुरू किया ..
और मैंने जीना सीख लिया


अजीम जहाजों की जगह ..,कश्ती से समंदर तय करना शुरू किया
और मैंने जीना सीख लिया


उस खुदा की परस्तिश में नामुमकिन को मुमकिन करना शुरू किया
और मैंने जीना सीख लिया ..

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