Thursday, August 23, 2007

तुम ना आये ..

आँखों में सावन भरे जाने
कितने मौसम बिताये ..लेकिन ,..तुम न आए ॥
हर आहट पर दौड़कर दर पर
कितने पल गुज़ारे ..लेकिन,.. तुम न आए ॥
इंतज़ार में घर महका
पतझड़ में भी फूल सजाये . ..लेकिन , तुम न आए ॥
तुम्हारी हर एक निशानी को देख देख
कितना हम रोये ..लेकिन ,.. तुम न आए ॥
एक नज़र ही सुकून मिले ,इसलिए
कूचे से तेरे कई बार निकले ..लेकिन ,..तुम न आए ॥
बेकदरी पर हम तेरी
मसरूफियत का बहाना देते गए ..लेकिन ,.. तुम न आए ॥
उन यादों का सिन्दूर भरे
बिन
अग्नि सात वचन निभाए ..लेकिन ,.. तुम न आए ॥
उन लम्हों के अक्स से ही
हम अपना दिल बहलाते गए ..लेकिन ,.. तुम न आए ॥
जिस राह संग छोड़ा तुमने
उसी शय उम्र गुजरने लगे ..लेकिन ,.. तुम न आए ॥
उम्मीद जिंदा तो थी पर .
आख़िर साँस न बचा पाए ..लेकिन, तुम न आए ॥
जिन्दगी से जाने के बाद भी
आकिबत हम अपना ना पाये ..लेकिन तुम न आए ..तुम न आए ..

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