
तारे हैं कम .. या दामन ही छोटा हो चला है
वक्त नहीं कटता या दिन ही बड़ा हो चला है
पाँव नहीं थकते .. या पड़ाव ही पास हो गया है
अभी शाम नहीं हुयी या घर ही दूर हो गया है
तन्हाई आस पास है.. या इक साथी ही मिल चुका है
आँखें बंद न होवें, या मेरा चैन ही खो गया है
हकीक़त अब सामने है ..या परदा ही उठ गया है
कलम अब खाली है या एहसास ही सो गया है..
वक्त नहीं कटता या दिन ही बड़ा हो चला है
पाँव नहीं थकते .. या पड़ाव ही पास हो गया है
अभी शाम नहीं हुयी या घर ही दूर हो गया है
तन्हाई आस पास है.. या इक साथी ही मिल चुका है
आँखें बंद न होवें, या मेरा चैन ही खो गया है
हकीक़त अब सामने है ..या परदा ही उठ गया है
कलम अब खाली है या एहसास ही सो गया है..